😟मेरे भारत में😯
|| भारत पर हिंदी कविता ||
|| Hindi Poems On India ||
कैसा दस्तूर लागू है मेरे भारत में,
जो ज़नतंत्र की बात है मेरे भारत में |
अफ़वाह है, या है कोई सच्चाई इसमें,
मैं हिन्दू हूँ, ग़र झूठी है ज़ुबाँ मुस्लिमों के मेरे भारत में |
अपाहिज ही अपाहिज बनते जा रहे हैं लोग,
जाति के खेल से, टूट रहे हैं अपने ही मेरे भारत में ||
आतंकवाद से लड़ते-लड़ते हम पाकिस्तान जा पहुँचे,
सच्चे भारतीय ही, कहलाते हैं आतंकवादी मेरे भारत में |
कागज़ों की बुनियाद भी है अब नफ़रत की नींव पर,
क़लम भी चलती है, पर सच छुपाने को मेरे भारत में ||
भेड़ियों का झुंड है, इसाँ बनने की कोशिश न करना,
ख़ौफ़ ही ख़ौफ़, ख़ौफ़ की सियासत चलती है मेरे भारत में |
तंत्र हो चुका है बेअसर, जन भी हैं बे-ख़बर,
अधिकार है अंधेरा में, कहलाता जनतंत्र यही है मेरे भारत में ||